बिना रूह के नहीं रखते​, घर वाले भी ज़िस्म को

ये चाहतें​, ये रौनकें​, पाबन्द है मेरे जीने तक​;​​​
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बिना रूह के नहीं रखते​, घर वाले भी ज़िस्म को​