शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रहा हूँ

शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रहा हूँ;
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बेवफ़ाई का इलज़ाम है, मुझपर फिर भी गुनगुना रहा हूँ;
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क़त्ल करने वाले ने कातिल भी हमें ही बना दिया;
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खफ़ा नहीं उससे फिर भी मैं बस, उसका दामन बचा रहा हूँ।